गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) छो ("इस शहर में -आदित्य चौधरी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (अनिश्चित्त अवधि) [move=sysop] (अनिश्चित्त अवधि))) |
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हो रहे नीलाम चौराहों पे रिश्ते | हो रहे नीलाम चौराहों पे रिश्ते | ||
− | क्या कहें कोई दोस्त | + | क्या कहें कोई दोस्त शर्मिंदा नहीं |
घूमता है हर कोई कपड़े उतारे | घूमता है हर कोई कपड़े उतारे | ||
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अब यहाँ खादी वही पहने हुए हैं | अब यहाँ खादी वही पहने हुए हैं | ||
− | जिनकी यादों में भी अब चरख़ा | + | जिनकी यादों में भी अब चरख़ा नहीं |
इस शहर में अब कोई मरता नहीं | इस शहर में अब कोई मरता नहीं |
14:33, 31 मार्च 2012 का अवतरण
इस शहर में -आदित्य चौधरी
इस शहर में अब कोई मरता नहीं
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