गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) ('{| width="100%" style="background:#fbf8df; border:thin groove #003333; border-radius:5px; padding:8px;" |- | <noinclude>चित...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
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जब बिक रहा हो झूठ हर इक दर पे सुब्ह शाम | जब बिक रहा हो झूठ हर इक दर पे सुब्ह शाम | ||
| − | + | 'आदित्य'ये बुख़ार कैसा तुझपे चढ़ गया | |
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07:52, 27 अक्टूबर 2016 का अवतरण
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हर शख़्स मुझे बिन सुने -आदित्य चौधरी
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