गोविन्द राम (चर्चा | योगदान)  | 
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<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>मौसम है ये गुनाह का<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div>  | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>मौसम है ये गुनाह का<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div>  | ||
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मौसम है ये गुनाह का इक करके देख लो  | मौसम है ये गुनाह का इक करके देख लो  | ||
जी लो किसी के इश्क़ में या मर के देख लो  | जी लो किसी के इश्क़ में या मर के देख लो  | ||
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तो सारे गिरेबान इस शहर के देख लो    | तो सारे गिरेबान इस शहर के देख लो    | ||
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10:33, 13 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
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 मौसम है ये गुनाह का -आदित्य चौधरी 
मौसम है ये गुनाह का इक करके देख लो  | 
टीका टिप्पणी और संदर्भ
