(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>ये जो मिरी आंखों में<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div>
 
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>ये जो मिरी आंखों में<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div>
 
----
 
----
{| width="100%" style="background:transparent"
+
<center>
|-valign="top"
+
<poem style="width:360px; text-align:left; background:transparent; font-size:16px;">
| style="width:35%"|
+
| style="width:35%"|
+
<poem>
+
 
ये जो मिरी आंखों में तैरता हुआ पानी है,
 
ये जो मिरी आंखों में तैरता हुआ पानी है,
 
कुछ और नहीं
 
कुछ और नहीं
पंक्ति 25: पंक्ति 22:
 
हमें तो ज़िन्दगी साथ-साथ
 
हमें तो ज़िन्दगी साथ-साथ
 
यूँ ही जीते जानी है...  
 
यूँ ही जीते जानी है...  
 +
[[चित्र:Asha-chaudhary.jpg|250px|center]]
 
</poem>
 
</poem>
| style="width:30%"|[[चित्र:Asha-chaudhary.jpg|250px|right]]
+
</center>
|}
+
 
|}
 
|}
 +
 +
  
 
<br />
 
<br />

07:08, 14 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

Copyright.png
ये जो मिरी आंखों में -आदित्य चौधरी

ये जो मिरी आंखों में तैरता हुआ पानी है,
कुछ और नहीं
तुझसे मेरे रिश्ते की कहानी है
पैंतीस साल होने को आ रहे हैं
कुछ दिन बाद
अपनी शादी को
मगर लगता है कि
तेरे मेरे बीच
आज भी वही गर्माहट
और रवानी है
कौन कहता है कि
ख़ूब निबाहा है हमने ?
निबाहा तो बिल्कुल नहीं...
हमें तो ज़िन्दगी साथ-साथ
यूँ ही जीते जानी है...

Asha-chaudhary.jpg



सभी रचनाओं की सूची

सम्पादकीय लेख कविताएँ वीडियो / फ़ेसबुक अपडेट्स
सम्पर्क- ई-मेल: adityapost@gmail.com   •   फ़ेसबुक