गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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ये जो मिरी आंखों में तैरता हुआ पानी है, | ये जो मिरी आंखों में तैरता हुआ पानी है, | ||
कुछ और नहीं | कुछ और नहीं | ||
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हमें तो ज़िन्दगी साथ-साथ | हमें तो ज़िन्दगी साथ-साथ | ||
यूँ ही जीते जानी है... | यूँ ही जीते जानी है... | ||
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07:08, 14 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
ये जो मिरी आंखों में -आदित्य चौधरी
ये जो मिरी आंखों में तैरता हुआ पानी है, |