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गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>मिट्टी में मिलाया जाए<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>मिट्टी में मिलाया जाए<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
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मेरी हस्ती को ही अब जड़ से मिटाया जाए | मेरी हस्ती को ही अब जड़ से मिटाया जाए | ||
मरूँ या न मरूँ, मिट्टी में मिलाया जाए | मरूँ या न मरूँ, मिट्टी में मिलाया जाए | ||
− | + | इसी हसरत में कि पूछेगा, आख़री ख़्वाइश | |
− | + | बीच चौराहे पे फ़ांसी पे चढ़ाया जाए | |
उनसे कह दो कि बुनियाद में हैं छेद बहुत | उनसे कह दो कि बुनियाद में हैं छेद बहुत | ||
मेरे मरने से पहले उनको भराया जाए | मेरे मरने से पहले उनको भराया जाए | ||
− | + | क्या कहूँ किससे कहूँ बहरों की दुनियाँ है | |
− | + | मुल्क की तस्वीर है क्या, किसको बताया जाए | |
मैं तो बदज़ात हूँ, शामिल न किया महफ़िल में | मैं तो बदज़ात हूँ, शामिल न किया महफ़िल में | ||
नाम मुझको भी शरीफ़ों का बताया जाए | नाम मुझको भी शरीफ़ों का बताया जाए | ||
− | + | मसअले और भी हैं मेरी सरकशी के लिए | |
− | + | उनको तफ़्सील से ये रोज़ बताया जाए | |
ज़माना हो गया जब दफ़्न किया था ख़ुद को | ज़माना हो गया जब दफ़्न किया था ख़ुद को | ||
मैं तो हैरान हूँ, क्यों मुझको जलाया जाय | मैं तो हैरान हूँ, क्यों मुझको जलाया जाय | ||
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07:27, 16 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
मिट्टी में मिलाया जाए -आदित्य चौधरी
मेरी हस्ती को ही अब जड़ से मिटाया जाए |