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<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>दिलों के टूट जाने की<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>दिलों के टूट जाने की<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
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नहीं आवाज़ होती है, दिलों के टूट जाने की | नहीं आवाज़ होती है, दिलों के टूट जाने की | ||
ज़रूरत क्या है फिर तुमको, इसे सुनने-सुनाने की | ज़रूरत क्या है फिर तुमको, इसे सुनने-सुनाने की | ||
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तुम्हें बेचैनियां रहती हैं अब सारे ज़माने की | तुम्हें बेचैनियां रहती हैं अब सारे ज़माने की | ||
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14:17, 3 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
दिलों के टूट जाने की -आदित्य चौधरी
नहीं आवाज़ होती है, दिलों के टूट जाने की |