गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) छो (१ अवतरण आयात किया गया) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | {| width="100%" | + | {| width="100%" class="table table-bordered table-striped" |
|- | |- | ||
| | | | ||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>मैं हूँ स्तब्ध सी<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>मैं हूँ स्तब्ध सी<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
---- | ---- | ||
− | + | <center> | |
− | + | <poem style="width:360px; text-align:left; background:transparent; font-size:16px;"> | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
मैं हूँ स्तब्ध सी | मैं हूँ स्तब्ध सी | ||
ये देख कर अस्तित्व तेरा | ये देख कर अस्तित्व तेरा | ||
पंक्ति 38: | पंक्ति 32: | ||
गंगा और जमना क्या | गंगा और जमना क्या | ||
आखों में रहती है | आखों में रहती है | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
जब भी तू कहती है | जब भी तू कहती है | ||
मम्मा-अम्मा मुझको | मम्मा-अम्मा मुझको | ||
पंक्ति 65: | पंक्ति 57: | ||
साहिब का नूर हैं ये | साहिब का नूर हैं ये | ||
ईश्वर की मेवा है | ईश्वर की मेवा है | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
इनमें हर मंदिर है | इनमें हर मंदिर है | ||
इनमें हर मस्जिद है | इनमें हर मस्जिद है | ||
पंक्ति 86: | पंक्ति 76: | ||
जीवन की रेखा है | जीवन की रेखा है | ||
</poem> | </poem> | ||
− | + | </center> | |
− | + | ||
|} | |} | ||
14:25, 3 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
मैं हूँ स्तब्ध सी -आदित्य चौधरी
मैं हूँ स्तब्ध सी |