गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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सुबह के आगमन से पहले काली रात होती है | सुबह के आगमन से पहले काली रात होती है | ||
इसे तुझको समझना है, ये मुश्किल बात होती है | इसे तुझको समझना है, ये मुश्किल बात होती है | ||
− | + | तेरी हर हार में जीतों के नक़्शे बनते जाते हैं | |
− | + | नई राहों को चुन लेना, ये मुश्किल बात होती है | |
हर इक सैलाब की सबको डुबो देने की फ़ितरत है | हर इक सैलाब की सबको डुबो देने की फ़ितरत है | ||
तुझे इससे गुज़रना है, ये मुश्किल बात होती है | तुझे इससे गुज़रना है, ये मुश्किल बात होती है | ||
− | + | कोई क्योंकर तुझे पूछे, तेरी औक़ात ही क्या है | |
− | + | नया कुछ कर दिखा जाना, ये मुश्किल बात होती है | |
ज़माना आख़री दम तक तुझे बाँधेगा बंधन में | ज़माना आख़री दम तक तुझे बाँधेगा बंधन में | ||
नहीं थमना, नहीं झुकना, ये मुश्किल बात होती है | नहीं थमना, नहीं झुकना, ये मुश्किल बात होती है | ||
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08:27, 5 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
ये मुश्किल बात होती है -आदित्य चौधरी
सुबह के आगमन से पहले काली रात होती है |