गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) छो (१ अवतरण आयात किया गया) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | {| width="100%" | + | {| width="100%" class="table table-bordered table-striped" |
|- | |- | ||
| | | | ||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>ये वक़्त कह रहा है<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>ये वक़्त कह रहा है<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
---- | ---- | ||
− | + | <center> | |
− | + | <poem style="width:360px; text-align:left; background:transparent; font-size:16px;"> | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
मरना तो सबका तय है, ये वक़्त कह रहा है | मरना तो सबका तय है, ये वक़्त कह रहा है | ||
पुरज़ोर एक कोशिश, जीने की बारहा है | पुरज़ोर एक कोशिश, जीने की बारहा है | ||
पंक्ति 25: | पंक्ति 22: | ||
इन्सां का ख़ौफ़ देखो, भगवान डर रहा है | इन्सां का ख़ौफ़ देखो, भगवान डर रहा है | ||
</poem> | </poem> | ||
− | + | </center> | |
− | + | ||
|} | |} | ||
पंक्ति 39: | पंक्ति 35: | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
+ | __NOTOC__ |
09:27, 5 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
ये वक़्त कह रहा है -आदित्य चौधरी
मरना तो सबका तय है, ये वक़्त कह रहा है |