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<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>तख़्त बनते हैं<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div>  | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>तख़्त बनते हैं<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div>  | ||
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तेरे ताबूत की कीलों से उनके तख़्त बनते हैं  | तेरे ताबूत की कीलों से उनके तख़्त बनते हैं  | ||
कुचल जा जाके सड़कों पे, तभी वो बात सुनते हैं  | कुचल जा जाके सड़कों पे, तभी वो बात सुनते हैं  | ||
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न जाने किस तरह भगवान ने इनको बनाया था  | न जाने किस तरह भगवान ने इनको बनाया था  | ||
नहीं जनती है इनको मां, यही अब मां को जनते हैं  | नहीं जनती है इनको मां, यही अब मां को जनते हैं  | ||
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09:38, 5 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
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 तख़्त बनते हैं -आदित्य चौधरी 
तेरे ताबूत की कीलों से उनके तख़्त बनते हैं  | 
