गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>अपना भी कोई ख़ाब हो<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>अपना भी कोई ख़ाब हो<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
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इस ज़िन्दगी की दौड़ में, अपना भी कोई ख़ाब हो | इस ज़िन्दगी की दौड़ में, अपना भी कोई ख़ाब हो | ||
अलसाई सी सुबह कोई, शरमाया आफ़ताब हो | अलसाई सी सुबह कोई, शरमाया आफ़ताब हो | ||
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मैं देखता रहूँ तुझे और वक़्त बेहिसाब हो | मैं देखता रहूँ तुझे और वक़्त बेहिसाब हो | ||
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09:52, 5 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
अपना भी कोई ख़ाब हो -आदित्य चौधरी
इस ज़िन्दगी की दौड़ में, अपना भी कोई ख़ाब हो |