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गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>जीवन संगिनी<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>जीवन संगिनी<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
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क़ीमत चुकाई, तो मालूम होगा | क़ीमत चुकाई, तो मालूम होगा | ||
जो यूँ ही मिला है, फ़रिश्ता हो शायद | जो यूँ ही मिला है, फ़रिश्ता हो शायद | ||
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ये दुनिया तुम्हारी औ तुम इसके सूरज | ये दुनिया तुम्हारी औ तुम इसके सूरज | ||
तुम्हें रात को वो सुलाता हो शायद | तुम्हें रात को वो सुलाता हो शायद | ||
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10:33, 5 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
जीवन संगिनी -आदित्य चौधरी
क़ीमत चुकाई, तो मालूम होगा |