गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) छो (१ अवतरण आयात किया गया) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) छो (Text replacement - "__INDEX__" to "__INDEX__ __NOTOC__") |
||
पंक्ति 44: | पंक्ति 44: | ||
[[Category:आदित्य चौधरी की रचनाएँ]] | [[Category:आदित्य चौधरी की रचनाएँ]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
+ | __NOTOC__ |
18:55, 25 अक्टूबर 2016 का अवतरण
![]() बात का घाव -आदित्य चौधरी ये कहानी ठीक वैसे ही शुरू होती है जैसे कि एक ज़माने में चंदामामा, नंदन और पराग में हुआ करती थी। एक गाँव में एक रघु नाम का लकड़हारा रहता था। जंगल से लकड़ियाँ काट कर लाता और गाँव में बेच कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता। एक दिन जंगल में उसे किसी के कराहने की आवाज़ सुनाई दी, देखा तो एक बहुत तगड़ा शेर पैर में कील चुभ जाने के कारण दर्द से कराह रहा था। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ