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एक बात तो कॉमन है -आदित्य चौधरी

चाहे बैठे हों खेत खलिहान में
या हो उड़ान
कहीं ऊँचे विमान में
होता हो
किसी आलीशान मकान में सवेरा
या कहीं किसी
कच्ची मढ़ैया में बसेरा

हों व्यापारी अधिकारी
या कोई
बड़े नेता
खिलाड़ी हों आप
या कोई अभिनेता

घूमते हों सुबह शाम पैदल
या बस में
या गुज़रता हो दिन
ज़िन्दगी के सरकस में

अलबत्ता सबके जीवन में
एक बात तो कॉमन है
वो है
बस दो की तलाश
इक तो ईश्वर
जो कभी दिखता नहीं है
दूजा प्यार
जो कभी मिलता नहीं है



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