गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>फूल जितने भी<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>फूल जितने भी<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
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फूल जितने भी दिए, उनको सजाने के लिए | फूल जितने भी दिए, उनको सजाने के लिए | ||
बेच देते हैं वो, कुछ पैसा बनाने के लिए | बेच देते हैं वो, कुछ पैसा बनाने के लिए | ||
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वक़्त मुझको मिले फिर से ज़माने के लिए | वक़्त मुझको मिले फिर से ज़माने के लिए | ||
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08:18, 14 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
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फूल जितने भी -आदित्य चौधरी
फूल जितने भी दिए, उनको सजाने के लिए |
