छो (Text replacement - "__INDEX__" to "__INDEX__ __NOTOC__")
छो (Text replacement - "width="100%" style=" to "width="100%" class="table table-bordered table-striped" style=")
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{| width="100%" style="background:#fbf8df; border:thin groove #003333; border-radius:5px; padding:8px;"
+
{| width="100%" class="table table-bordered table-striped" style="background:#fbf8df; border:thin groove #003333; border-radius:5px; padding:8px;"
 
|-
 
|-
 
|  
 
|  
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>छूट भागे रास्ते<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div>
 
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>छूट भागे रास्ते<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div>
 
----
 
----
{| width="100%" style="background:transparent"
+
{| width="100%" class="table table-bordered table-striped" style="background:transparent"
 
|-valign="top"
 
|-valign="top"
 
| style="width:35%"|
 
| style="width:35%"|

09:48, 27 अक्टूबर 2016 का अवतरण

Copyright.png
छूट भागे रास्ते -आदित्य चौधरी

मंज़िलों की क़ैद से अब छूट भागे रास्ते
है बक़ाया ज़िन्दगी आवारगी के वास्ते

छोड़ कर रस्मो-रिवाजों की गली को आ गए
अब हुआ हर शख़्स हाज़िर दोस्ती के वास्ते

उसकी महफ़िल और उसके रंग से क्या साबिका [1]
अब हज़ारों मस्तियाँ हर बज़्म दिल के वास्ते [2]

ये सफ़र ताबीर है उन हसरतों के ख़ाब की [3]
जो कभी होती थीं तेरी सुह्‌बतों के वास्ते [4]

अब कोई आक़ा नियम क़ानून क्या बतलाएगा
आँधियाँ भी रुक गईं हैं इस सबा के वास्ते [5]

माजरा ये देखकर अब दश्त भी हैरान है
मरहले चलने लगे हैं क़ाफ़िलों के वास्ते [6]

मौत के आने से पहले एक लम्हा जी लिया
कौन रगड़े एड़ियाँ अब ज़िन्दगी के वास्ते


शब्दार्थ

  1. साबिका या साबका = संबंध, वास्ता
  2. बज़्म = महफ़िल
  3. ताबीर = नतीजा
  4. सुह्‌बत या सोहबत = संगत, साथ
  5. सबा = पुरवा हवा, मंद शीतल हवा
  6. मरहले= मंज़िलें

सभी रचनाओं की सूची

सम्पादकीय लेख कविताएँ वीडियो / फ़ेसबुक अपडेट्स
सम्पर्क- ई-मेल: adityapost@gmail.com   •   फ़ेसबुक