(संबंधित लेख)
पंक्ति 36: पंक्ति 36:
  
 
<noinclude>
 
<noinclude>
==संबंधित लेख==
 
 
{{भारतकोश सम्पादकीय}}
 
{{भारतकोश सम्पादकीय}}
 
</noinclude>
 
</noinclude>

06:56, 1 अप्रैल 2012 का अवतरण

Bharatkosh-copyright-2.jpg
इस शहर में -आदित्य चौधरी


इस शहर में अब कोई मरता नहीं
    वो मरें भी कैसे जो ज़िन्दा नहीं

हो रहे नीलाम चौराहों पे रिश्ते
    क्या कहें कोई दोस्त शर्मिंदा नहीं

घूमता है हर कोई कपड़े उतारे
    शहर भर में अब कोई नंगा नहीं

कौन किसको भेजता है आज लानत
    इस तरह का अब यहाँ मसला नहीं

हो गया है एक मज़हब 'सिर्फ़ पैसा'
    अब कहीं पर मज़हबी दंगा नहीं

मर गये, आज़ाद हमको कर गये वो
    उनका महफ़िल में कहीं चर्चा नहीं

अब यहाँ खादी वही पहने हुए हैं
    जिनकी यादों में भी अब चरख़ा नहीं

इस शहर में अब कोई मरता नहीं
    वो मरें भी कैसे जो ज़िन्दा नहीं


सभी रचनाओं की सूची

सम्पादकीय लेख कविताएँ वीडियो / फ़ेसबुक अपडेट्स
सम्पर्क- ई-मेल: adityapost@gmail.com   •   फ़ेसबुक