गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>इन मंजिलों को शायद<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>इन मंजिलों को शायद<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
---- | ---- | ||
− | + | <center> | |
− | + | <poem style="width:360px; text-align:left; background:transparent; font-size:16px;"> | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
इन मंजिलों को शायद | इन मंजिलों को शायद | ||
कुछ रंजिशें हैं मुझसे | कुछ रंजिशें हैं मुझसे | ||
पंक्ति 34: | पंक्ति 31: | ||
उसका पता रही हैं | उसका पता रही हैं | ||
</poem> | </poem> | ||
− | + | </center> | |
− | + | ||
|} | |} | ||
10:27, 13 जुलाई 2017 के समय का अवतरण