पंक्ति 6: पंक्ति 6:
 
----
 
----
 
<center>
 
<center>
<poem style="width:360px; text-align:left; background:transparent; font-size:16px;">
 
 
[[चित्र:Asha-chaudhary.jpg|250px|right]]
 
[[चित्र:Asha-chaudhary.jpg|250px|right]]
 +
<poem style="width:360px; text-align:left; background:transparent; font-size:16px;">
 
ये जो मिरी आंखों में तैरता हुआ पानी है,
 
ये जो मिरी आंखों में तैरता हुआ पानी है,
 
कुछ और नहीं
 
कुछ और नहीं

14:42, 13 जुलाई 2017 का अवतरण

Copyright.png
ये जो मिरी आंखों में -आदित्य चौधरी

Asha-chaudhary.jpg

ये जो मिरी आंखों में तैरता हुआ पानी है,
कुछ और नहीं
तुझसे मेरे रिश्ते की कहानी है
पैंतीस साल होने को आ रहे हैं
कुछ दिन बाद
अपनी शादी को
मगर लगता है कि
तेरे मेरे बीच
आज भी वही गर्माहट
और रवानी है
कौन कहता है कि
ख़ूब निबाहा है हमने ?
निबाहा तो बिल्कुल नहीं...
हमें तो ज़िन्दगी साथ-साथ
यूँ ही जीते जानी है...



सभी रचनाओं की सूची

सम्पादकीय लेख कविताएँ वीडियो / फ़ेसबुक अपडेट्स
सम्पर्क- ई-मेल: adityapost@gmail.com   •   फ़ेसबुक