गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>1857<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>1857<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
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इसी मैदान में उस शख़्स को फाँसी लगी होगी | इसी मैदान में उस शख़्स को फाँसी लगी होगी | ||
तमाशा देखने को भीड़ भी काफ़ी लगी होगी | तमाशा देखने को भीड़ भी काफ़ी लगी होगी | ||
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उसे अपनी शहादत ही बहुत फीकी लगी होगी | उसे अपनी शहादत ही बहुत फीकी लगी होगी | ||
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08:28, 5 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
1857 -आदित्य चौधरी
इसी मैदान में उस शख़्स को फाँसी लगी होगी |