पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>आँखों का पानी<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div>
 
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>आँखों का पानी<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div>
 
----
 
----
{| width="100%" 
+
<center>
|-valign="top"
+
<poem style="width:360px; text-align:left; background:transparent; font-size:16px;">
| style="width:35%"|
+
| style="width:35%"|
+
<poem style="color=#003333">
+
 
कभी तू है बादल  
 
कभी तू है बादल  
 
कभी तू है सागर
 
कभी तू है सागर
पंक्ति 22: पंक्ति 19:
 
उसे सबने अाँखों का पानी कहा है
 
उसे सबने अाँखों का पानी कहा है
 
</poem>
 
</poem>
| style="width:30%"|
+
</center>
|}
+
 
|}
 
|}
  

09:32, 5 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

Copyright.png
आँखों का पानी -आदित्य चौधरी

कभी तू है बादल
कभी तू है सागर
कहीं बनके तालाब पसरा पड़ा है

कभी तू है बरखा
कभी तू है नदिया
कहीं पर तू झीलों में अलसा रहा है

मगर तेरी ज़्यादा
ज़रूरत जहाँ है
उसे सबने अाँखों का पानी कहा है



सभी रचनाओं की सूची

सम्पादकीय लेख कविताएँ वीडियो / फ़ेसबुक अपडेट्स
सम्पर्क- ई-मेल: adityapost@gmail.com   •   फ़ेसबुक