गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>छूट भागे रास्ते<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>छूट भागे रास्ते<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
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मंज़िलों की क़ैद से अब छूट भागे रास्ते | मंज़िलों की क़ैद से अब छूट भागे रास्ते | ||
है बक़ाया ज़िन्दगी आवारगी के वास्ते | है बक़ाया ज़िन्दगी आवारगी के वास्ते | ||
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कौन रगड़े एड़ियाँ अब ज़िन्दगी के वास्ते | कौन रगड़े एड़ियाँ अब ज़िन्दगी के वास्ते | ||
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10:28, 5 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
छूट भागे रास्ते -आदित्य चौधरी
मंज़िलों की क़ैद से अब छूट भागे रास्ते |
शब्दार्थ
- ↑ साबिका या साबका = संबंध, वास्ता
- ↑ बज़्म = महफ़िल
- ↑ ताबीर = नतीजा
- ↑ सुह्बत या सोहबत = संगत, साथ
- ↑ सबा = पुरवा हवा, मंद शीतल हवा
- ↑ मरहले= मंज़िलें