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जश्न मनाया जाय -आदित्य चौधरी
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बज़्म= सभा, महफ़िल
- ↑ ताकीद = कोई बात ज़ोर देकर कहना
- ↑ ग़ज़ल के आखरी शेर को जिसमें शायर का नाम अथवा उपनाम हो उसे ‘मक़्ता’ कहते हैं।
