गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) छो (Text replacement - "class="bharattable"" to "class="table table-bordered table-striped"") |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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कोई आएगा, ये मुझको ख़याल रहता है | कोई आएगा, ये मुझको ख़याल रहता है | ||
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इसी को सोचकर शायद बवाल रहता है | इसी को सोचकर शायद बवाल रहता है | ||
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+ | ; दिनांक- 24 अगस्त, 2014 | ||
+ | [[चित्र:Aditya-chaudhary-facebook-post-40.jpg|250px|right]] | ||
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लोग बहुत 'बोलते' हैं लेकिन 'कहते' बहुत कम हैं। | लोग बहुत 'बोलते' हैं लेकिन 'कहते' बहुत कम हैं। | ||
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यहाँ समझने वाली बात यह है कि मौन द्वारा जो 'कहा' जाता है उसका प्रभाव अक्सर बोलने-कहने से अधिक होता है... | यहाँ समझने वाली बात यह है कि मौन द्वारा जो 'कहा' जाता है उसका प्रभाव अक्सर बोलने-कहने से अधिक होता है... | ||
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हमारी बुद्धि एक कंप्यूटर की तरह है और 'विवेक' इस कंप्यूटर का सबसे अच्छा ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसे अंग्रेज़ी में wisdom कहते हैं। | हमारी बुद्धि एक कंप्यूटर की तरह है और 'विवेक' इस कंप्यूटर का सबसे अच्छा ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसे अंग्रेज़ी में wisdom कहते हैं। | ||
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यदि आपके कंप्यूटर में रॅम (प्रतिभा) कम भी है तब भी यह ऑपरेटिंग सिस्टम सही काम करता है। | यदि आपके कंप्यूटर में रॅम (प्रतिभा) कम भी है तब भी यह ऑपरेटिंग सिस्टम सही काम करता है। | ||
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+ | ; दिनांक- 6 अगस्त, 2014 | ||
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शोले की तरह जलना है तो पहले ख़ुद को कोयला करना | शोले की तरह जलना है तो पहले ख़ुद को कोयला करना | ||
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हो जा आज़ाद परिंदे अब, फिर जी लेना या जा मरना | हो जा आज़ाद परिंदे अब, फिर जी लेना या जा मरना | ||
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11:30, 9 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण
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