गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) छो (Text replacement - "__INDEX__" to "__INDEX__ __NOTOC__") |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{आदित्य चौधरी फ़ेसबुक पोस्ट}} | {{आदित्य चौधरी फ़ेसबुक पोस्ट}} | ||
{{फ़ेसबुक पोस्ट}} | {{फ़ेसबुक पोस्ट}} | ||
− | {| width= | + | {| width=98% style="border:5px solid #101d38; border-radius:5px;" |
|- | |- | ||
| | | | ||
− | {| width= | + | {| width=98% class="table table-bordered table-striped" |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
|- | |- | ||
| | | | ||
+ | ;दिनांक- 13 सितम्बर, 2013 | ||
<poem> | <poem> | ||
दोस्तों की याद में- | दोस्तों की याद में- | ||
पंक्ति 27: | पंक्ति 24: | ||
दोस्त वो याड़ी होता है जिसे एक बार नज़र लग जाय तो उस पर न्यौछावर करने के लिए सारी दुनिया की दौलत भी कम पड़ जाती है... | दोस्त वो याड़ी होता है जिसे एक बार नज़र लग जाय तो उस पर न्यौछावर करने के लिए सारी दुनिया की दौलत भी कम पड़ जाती है... | ||
</poem> | </poem> | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
| | | | ||
+ | ;दिनांक- 17 जून, 2013 | ||
<poem> | <poem> | ||
+ | [[चित्र:Chaudhary-Digambar-singh.jpg|200px|right|चौधरी दिगम्बर सिंह]] | ||
आज पिता दिवस है। मैं गर्व करता हूँ कि मैं चौधरी दिगम्बर सिंह जी जैसे पिता का बेटा हूँ। वे स्वतंत्रता सेनानी थे और चार बार संसद सदस्य रहे। वे मेरे गुरु और मित्र भी थे। भारतकोश के संचालक ट्रस्ट के संस्थापक भी हैं। | आज पिता दिवस है। मैं गर्व करता हूँ कि मैं चौधरी दिगम्बर सिंह जी जैसे पिता का बेटा हूँ। वे स्वतंत्रता सेनानी थे और चार बार संसद सदस्य रहे। वे मेरे गुरु और मित्र भी थे। भारतकोश के संचालक ट्रस्ट के संस्थापक भी हैं। | ||
उनके स्वर्गवास पर मैंने एक कविता लिखी थी... | उनके स्वर्गवास पर मैंने एक कविता लिखी थी... | ||
पंक्ति 76: | पंक्ति 73: | ||
मुझे रुला नहीं पाता | मुझे रुला नहीं पाता | ||
</poem> | </poem> | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
| | | | ||
+ | ;दिनांक- 14 जून, 2013 | ||
<poem> | <poem> | ||
+ | [[चित्र:Mehdi-hasan.jpg|200px|right|link=मेहदी हसन]] | ||
आज मन उदास है... मेहदी हसन साहिब नहीं रहे... मैंने बहुत कम उम्र से ही उनको सुना और अब भी सुनता हूँ... उनके गायन की प्रशंसा करने के लिए मैं अति तुच्छ व्यक्ति हूँ... कभी-कभी सोचता हूँ कि राजस्थान की मिट्टी में ऐसा क्या अद्भुत है जिसने मेहदी हसन जैसे कला शिरोमणि को जन्म दिया... उनकी गाई और ज़फ़र (बहादुर शाह ज़फ़र) की कही ग़ज़ल आज बहुत याद आई- | आज मन उदास है... मेहदी हसन साहिब नहीं रहे... मैंने बहुत कम उम्र से ही उनको सुना और अब भी सुनता हूँ... उनके गायन की प्रशंसा करने के लिए मैं अति तुच्छ व्यक्ति हूँ... कभी-कभी सोचता हूँ कि राजस्थान की मिट्टी में ऐसा क्या अद्भुत है जिसने मेहदी हसन जैसे कला शिरोमणि को जन्म दिया... उनकी गाई और ज़फ़र (बहादुर शाह ज़फ़र) की कही ग़ज़ल आज बहुत याद आई- | ||
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी । | बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी । | ||
पंक्ति 87: | पंक्ति 84: | ||
बे-क़रारी तुझे दिल कभी ऐसी तो न थी ॥ | बे-क़रारी तुझे दिल कभी ऐसी तो न थी ॥ | ||
</poem> | </poem> | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
| | | | ||
+ | ;दिनांक- 10 जून, 2013 | ||
<poem> | <poem> | ||
+ | [[चित्र:Bharatanatyam-Dance.jpg|200px|right|नृत्य कला]] | ||
'कला' शब्द का अर्थ वात्स्यायन (तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व) के बाद बदल गया। वात्स्यायन ने पहली बार 'कला' शब्द को इस अर्थ में प्रयोग किया जिसे कि अंग्रेज़ी में 'आर्ट' कहते हैं। जयमंगल ने भी 64 कलाओं के बारे में बताया। इससे पहले इसका अर्थ था 'अंश' (हिस्सा)। इसी लिए चन्द्रमा या सूर्य की पृथ्वी के सापेक्ष स्थितियों को बाँटा गया तो उन्हें कला कहा गया। चन्द्रमा को सोलह अंश में और सूर्य को बारह में। इसीलिए चन्द्रमा की सोलह कला हैं और सूर्य की बारह कला। अवतारों की कला का भी यही रहस्य है। लोग अक्सर पूछते हैं कि कृष्ण की सोलह कलाएँ कौन-कौन सी थी ? असल में कृष्ण के काल में कला का अर्थ अंश था न कि आज की तरह 'आर्ट'। | 'कला' शब्द का अर्थ वात्स्यायन (तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व) के बाद बदल गया। वात्स्यायन ने पहली बार 'कला' शब्द को इस अर्थ में प्रयोग किया जिसे कि अंग्रेज़ी में 'आर्ट' कहते हैं। जयमंगल ने भी 64 कलाओं के बारे में बताया। इससे पहले इसका अर्थ था 'अंश' (हिस्सा)। इसी लिए चन्द्रमा या सूर्य की पृथ्वी के सापेक्ष स्थितियों को बाँटा गया तो उन्हें कला कहा गया। चन्द्रमा को सोलह अंश में और सूर्य को बारह में। इसीलिए चन्द्रमा की सोलह कला हैं और सूर्य की बारह कला। अवतारों की कला का भी यही रहस्य है। लोग अक्सर पूछते हैं कि कृष्ण की सोलह कलाएँ कौन-कौन सी थी ? असल में कृष्ण के काल में कला का अर्थ अंश था न कि आज की तरह 'आर्ट'। | ||
ख़ैर... नृत्य कला पर भी भारतकोश पर कुछ है शायद आपकी रुचि हो | ख़ैर... नृत्य कला पर भी भारतकोश पर कुछ है शायद आपकी रुचि हो | ||
</poem> | </poem> | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
| | | | ||
+ | ;दिनांक- 19 मई, 2013 | ||
<poem> | <poem> | ||
ईश्वर, अवतार, पैग़म्बर और संत किसी भी रूप में पक्षपाती नहीं होते। इसलिए ये किसी व्यक्ति विशेष का हित या अहित करेंगे ऐसा सोचना व्यर्थ ही है। जब इनके अस्तित्व पर हमारी आलोचना का असर नहीं होता तो फिर प्रार्थना का भी असर कैसे होगा। ज़रा सोचिए कि क्या हम यह मान सकते हैं कि ईश्वर पक्षपाती है, असंभव ही है ना ? तो फिर करें क्या ? | ईश्वर, अवतार, पैग़म्बर और संत किसी भी रूप में पक्षपाती नहीं होते। इसलिए ये किसी व्यक्ति विशेष का हित या अहित करेंगे ऐसा सोचना व्यर्थ ही है। जब इनके अस्तित्व पर हमारी आलोचना का असर नहीं होता तो फिर प्रार्थना का भी असर कैसे होगा। ज़रा सोचिए कि क्या हम यह मान सकते हैं कि ईश्वर पक्षपाती है, असंभव ही है ना ? तो फिर करें क्या ? | ||
... प्रार्थना तो करें पर माँगे कुछ नहीं। प्रार्थना हमें विनम्र बनाती है। कर्म करें अकर्मण्य न रहें। | ... प्रार्थना तो करें पर माँगे कुछ नहीं। प्रार्थना हमें विनम्र बनाती है। कर्म करें अकर्मण्य न रहें। | ||
</poem> | </poem> | ||
− | | | + | |- |
− | | | + | | |
+ | ; 14 जनवरी, 2013 | ||
+ | जितने समय में पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाती है, उस अवधि को "सौर वर्ष" कहते हैं। पृथ्वी का गोलाई में सूर्य के चारों ओर घूमना "क्रान्तिचक्र" कहलाता है। इस "परिधि चक्र" को बाँटकर बारह राशियाँ बनी हैं। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना "संक्रान्ति" कहलाता है। इसी प्रकार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को "मकरसंक्रान्ति" कहते हैं। | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
12:00, 4 मई 2017 के समय का अवतरण
फ़ेसबुक अपडेट्स
सितंबर 2013 • अक्तूबर 2013 • नवंबर 2013 • दिसंबर 2013 • जनवरी 2014 • फ़रवरी 2014 • मार्च 2014 • अप्रॅल 2014 • मई 2014 • जून 2014 • जुलाई 2014 • अगस्त 2014 • सितंबर 2014 • अक्टूबर 2014 • नवंबर 2014 • दिसंबर 2014 • जनवरी 2015 • फ़रवरी 2015 • मार्च 2015 • अप्रॅल 2015 • मई 2015 • जून 2015 • जुलाई-सितम्बर 2015 • अक्टूबर-दिसम्बर 2015 • जनवरी-जून 2016 • जुलाई-दिसम्बर 2016 • जनवरी-मार्च 2017 • अप्रैल 2017 • मई-दिसंबर 2017
|